बैतुल:- स्कूल को मिलेगा स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार

केंद्र सरकार ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना में प्रदेश के 21 स्कूलों का चयन किया है। इनमे केंद्र सरकार ने मिडिल स्कूल लेंदागोंदी को स्वच्छता पर 100 में से 97 अंक दिए है।

97 अंक के साथ मिडिल स्कूल की श्रेणी में लेंदागोंदी स्कूल प्रदेश में स्वच्छ विद्यालय राष्ट्रीय पुरस्कार में प्रथम स्थान पर है, जबकि जिले के शाहपुर तहसील के मॉडल स्कूल को 100 में से 92 अंक मिले है।

यहां साफ सुथरी कक्षाएं, पीने के लिए आरओ का पानी, साफ-सुथरा टॉयलेट, स्कूल के सामने खूबसूरत गार्डन और सबसे खास यहां पढ़ने वाले अनुशासित बच्चे इस स्कूल को साफ-सुथरा बनाए हुए है। जिसका प्रबंधन खुद बच्चों के पास है। बच्चों की बाल कैबिनेट यहां तय करती है कि कैसे साफ-सफाई रखी जाए। कौन कक्षाएं साफ करेगा और कौन टॉयलेट की सफाई का जिम्मा संभालेगा।  दरअसल, 54 छात्र-छात्राओं वाले इस स्कूल में अनुशासित बच्चे और इन्हें तराशने वाले शिक्षकों ने इन्हें स्वच्छता का ऐसा पाठ पढ़ाया है कि वे हर काम तरीके से करते है। स्कूल आकर जूते चप्पल बाहर उतारना। फिर कक्षाओं की सफाई करना उनका काम है। मध्यान्ह भोजन के समय भी छात्र पूरे कायदे से पंक्तिया बांधकर पहले हाथ साफ करते है और फिर प्रार्थना के साथ भोजन करते है। इन सब की शुरुआत यहां के हेडमास्टर ने 2006 से की थी। ग्रामीणों और साथी शिक्षकों के साथ मिलकर उन्होंने इस स्कूल को एक मिसाल बना दिया। यह बता दें कि असम और बिहार के दल ने जून माह में स्कूल का निरीक्षण किया था। इस दल द्वारा स्कूल को स्वच्छता में 97 अंक दिए गए थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जिला जनशिक्षा केंद्र को दोनों स्कूलों के स्वच्छ विद्यालय राष्ट्रीय पुरस्कार के प्रमाण-पत्र भेजे हैं।  

क्षेत्रीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने इसकी स्वच्छता से प्रभावित होकर कंप्यूटर प्रोजेक्टर का पुरस्कार दिया है। स्कूली बच्चों का अनुशासन, स्वच्छता के लिए उनकी ललक और शिक्षकों की मेहनत ने पूरे प्रदेश में इस स्कूल को नम्बर वन बना दिया है। दो सितम्बर को इस स्कूल को दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।

इस स्कूल में एक गार्डन है। यहां बच्चे आरओ का पानी पीते हैं। मिडिल स्कूल लोंदागोंदी में बच्चों में सारी सुविधाएं हैं। स्कूल में स्वच्छता और पर्यावरण के बीच बच्चों को शिक्षा दी जाती है। स्कूल की स्थापना 2005 में हुई थी। इसका नवीन भवन 2008 में बना है। नवीन भवन बनने के बाद 2009 में स्कूल परिसर में गार्डन का निर्माण कराया।  इस गार्डन की देखरेख शिक्षक व बच्चे मिलकर करते हैं। स्कूल में जूते-चप्पल के लिए स्टैंड, पानी पीने के लिए आरो वॉटर, हाथ धोने के लिए स्टैंड, किचन की खिड़कियों पर जाली की सुविधाएं है।. 

पुरस्कार के लिए ये थे मापदंड

    जल व्यवस्था पर 22 अंक
    स्वच्छता शौचालय पर 28 अंक
    साबुन से हाथ धुलाई पर 20 अंक
    संचालन व रखरखाव पर 15 अंक
    व्यवहार परिवर्तन व क्षमता वृद्धि पर 15 अंक

Source : कमलेश आदवारे

8 + 11 =

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